New Bewafa Shayari, Urdu Poetry 2024

इस पोस्ट में आपको New Bewafa Shayari , Urdu Poetry और New Boys Status मिलेंगे

चलो फिर से करो वादा कभी न फ़िर बिछड़ने का
तुम्हे क्या फ़र्क पड़ता है बिछड़ने में मुकरने में

ये वक़्त है जनाब सब कुछ छीन लेता है
ख़ैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी

सुकून हो करार हो मयस्सर हों राहतें
राहत तेरा जाना मुझे गमगीन कर गया

 

मै हारी नहीं मुझे हराया गया जनाब
लोग किया कहेंगे यही कहके मुझे डराया गया

         
धोखा भी अक्सर उन लोगों से मिला 
          🤤🤤जनाब🤤🤤
जो हमारे दिल के सबसे करीब थे।

  
ना आना कभी मोहब्बत के झांसे में ए दोस्तों
ये ऐसा फरेब है जो 😊 खुशियां छीन लेता है।

 
                   
मेरा दिल तोड़ कर यू चला गया वो हरजाई
कभी उससे जो मुलाक़ात हो
तो पूछूं  😭😭 क्या कभी इक बार भी याद मेरी ना आयी

                   
वक़्त आने पर जवाब दूंगी
लहज़े सबके याद हैं मुझे

वक़्त अज़ाला ना कर सका जिसका
लोग ऐसे भी हमने खोए हैं ।

                           
जो बातें पी गया था मैं
वो बातें खा गई मुझको

                        
हमने ऐसे उजाड़ दी जैसे 
ज़िन्दगी  बाप की कमाई हो

कोई तलब नहीं अब बाक़ी
कितनी अमीर हो गई हूं मैं

                     
बांट डाला ज़िन्दगी ने हमें इस तरह
कि अपने हिस्से में हम नहीं आते

             
ख़ुद को डाटूंगा सारी बातों पर
जाने किस बात से खफा हो तुम

                  
यहां बिकता है सब कुछ ज़रा संभल कर रहना...
लोग हवाओं को भी बेच देते हैं गुब्बारे में डाल कर..


जिस सितमगर ने हजारों मर्तबा ठुकरा दिया
आज फ़िर उसके ही दर पे खींच लाईं हसरतें

मेरे सर पर छाव है मां की दुआ की इसलिए
मुश्किलों के सामने हरगिज़ मै घबराता नहीं

तड़प आंसू उदासी और बेकरारी
यही पाया है मैंने दिल लगा कर


मत पूछो मुझको तुझसे मोहब्बत है किस क़दर
ये देख मुझको तेरी ज़रूरत है किस क़दर

             
क़यामत से कम हरगिज़ नहीं थे वो लम्हें
जिन्हें मै सह गई हूं हंसते हंसते

जब मै दौलतमंद था तो सारी दुनिया थी मेरी
मुफलिसी अाई तो कोई भी पास आता नहीं

                
रूठ कर वो यूं गया कि फ़िर ना आया लौटकर
" आस '' मैंने लाख कदमों में बिछाई हसरतें

                 
रुसवाइयों से ख़ुद को बचाने में रह गया
मै आपके खतों को छुपाने में रह गया
इसरार मेरी खुशियां ज़माने ने छीन ली
मुस्कां मैं सब के लबों पे सजाने में रह गया

ये जबां हर वक़्त उसका नाम लेती है फक़त
कर गया वो कैसा मुझ पे जादू देख ले

                        
तेरी याद सताए तो
शब भर नींद ना आए तो
क्यों हैं खफा बतलाए तो
कुछ एहसास दिलाए तो

                   
आज उस जानें तमन्ना के खतों के साथ साथ
मैंने ख़ुद अपने ही हाथों से जलाई हसरतें ।

               
जुदाई का दुख तो मैं सह गया हूं
मगर यकसर बिखर कर रह गया हूं